
Exam Date : 31 January, 2021
Part – V भाषा 2 – हिन्दी
दिए गए अनुच्छेद को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (प्रश्न सं. 121 से 128 तक) के सही / सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए:
किताब का विषय और सामग्री उस आयु वर्ग के हिसाब से हो जिसके लिए आप पुस्तक चुन रहे हैं। छोटे बच्चों के लिए रोज़मर्रा की समस्याएँ और घटनाएँ पुस्तक का विषय हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, स्कूल से घर लौटते समय रास्ते में मिलने वाले कुत्ते से डर लगना । इस वर्ग के बच्चों की कहानियों की एक विशेषता होती है – शब्दों, वाक्यों और घटनाओं की पुनरावृत्ति । बच्चों को मज़ेदार शब्द और वाक्य दोहराना अच्छा लगता है। आप किसी बच्चे को खेलते देखिए, आपको इस बात का सबूत मिल जाएगा। इसके अतिरिक्त पुनरावृत्ति से उन बच्चों को पढ़ने में प्रवीणता हासिल करने में मदद मिलती है जो अभी सीखने की प्रक्रिया में हैं।
इस स्तर की कहानियाँ बहुत अधिक लंबी या जटिल नहीं होनी चाहिए। उनमें बहुत ज़्यादा घटनाएँ या पात्र नहीं हों तो बेहतर है।
121. छोटे बच्चे की पुस्तक का विषय मुख्य रूप से होना चाहिए –
(1) राजा – रानी
(2) नैतिक मूल्य
(3) दैनिक जीवन
(4) वीर पुरुष
Answer – 3
122. बच्चों को कैसे शब्द दोहराना अच्छा लगता है ?
(1) सरल
(2) जटिल
(3) लंबे
(4) मजेदार
Answer – 4
123. सीखने की प्रक्रिया में पुनरावृत्ति का महत्त्व है, क्योंकि –
(1) बच्चे को कहानी याद हो जाती है ।
(2) घटनाएँ याद हो जाती हैं।
(3) पढ़ने में कुशलता प्राप्त होती है।
(4) लिखने में कुशलता प्राप्त होती है ।
Answer – 3
124. पुस्तक चुनते समय कम महत्त्वपूर्ण है –
(1) विषय
(2) सामग्री
(3) आयु वर्ग
(4) कीमत
Answer – 4
125. ‘छोटे बच्चे में ‘छोटे’____ विशेषण है।
(1) गुणवाचक
(2) सार्वनामिक
(3) परिमाणवाचक
(4) संख्यावाचक
Answer – 1
126. ‘पुनरावृत्ति’ का संधि-विच्छेद है
(1) पुन + रावृत्ति
(2) पुनः + आवृत्ति
(3) पुनः + अवृत्ति
(4) पुनरा + वृत्ति
Answer – 2
127. निम्न में कौन-सा शब्द कारक चिह्न नहीं है ?
(1) के लिए
(2) की
(3) से
(4) और
Answer – 4
128. पुस्तक का चयन ___ के आधार पर करना चाहिए।
(1) आयु वर्ग
(2) नैतिक शिक्षा
(3) उपलब्धता
(4) कीमत
Answer – 1
दिए गए अनुच्छेद को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (प्रश्न सं. 129 से 135 तक) के सही / सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए :
चिनार वृक्ष सामान्यतया मध्यम आकार के, मध्यम से अधिक ऊँचे आकार के होते हैं । इनकी ऊँचाई 50 मीटर अथवा इससे भी अधिक हो सकती है। इसकी लकड़ी का घनत्व बहुत अधिक होता है तथा यह मजबूत और कठोर होती है । चिनार की लकड़ी सफ़ेद होती है तथा इसके किनारे पीले अथवा लाल रंग के होते हैं। इसकी लकड़ी पर सरलता से पॉलिश की जा सकती है तथा रंग भी किया जा सकता है। इसकी लकड़ी न तो आसानी से कटती है और न आसानी से टूटती है । किंतु यह टिकाऊ भी नहीं होती है, अत: कीमती फ़ीचर आदि इससे नहीं बनाए जाते। चिनार वृक्ष का तना सुंदर और आकर्षक होता है एवं इस पर काँटे नहीं होते, किंतु छूने पर यह खुरदुरा लगता है। चिनार वृक्ष के तने की छाल अविकसित सी होती है तथा यह पहाड़ी बनकर झरती रहती है। इससे इसका तना शल्क वाला दिखाई देने लगता है। इसके पुराने वृक्षों की छाल झरती नहीं है, किंतु इसमें लंबी-लंबी दरारें पड जाती हैं। चिनार वृक्ष की छाल का रंग धूसर, हरापन लिए धूसर अथवा सफ़ेदी लिए हुए धूसर रंग का होता है, शरद ऋतु में चिनार का वृक्ष अपनी छाल का रंग बदलता है और नारंगी अथवा नारंगीपन लिए सुनहरे रंग का हो जाता है । चिनार वृक्ष की शाखाएँ कत्थई रंग की होती हैं तथा आसानी से नहीं टूटतीं किंतु वृक्ष के बढ़ने के साथ ही ये नीचे झुकने लगती हैं और कभी-कभी वृक्ष के नीचे से गुज़रने वालों से टकराने लगती हैं।
129. चिनार का तना होता है –
(1) चिकना
(2) खुरदुरा
(3) भुरभुरा
(4) कँटीला
Answer – 2
130. चिनार वृक्ष अपनी छाल का रंग कब बदलता है ?
(1) गर्मी में
(2) बरसात में
(3) बसंत में
(4) सर्दी में
Answer – 4
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