CTET Exam 2020 Paper – 1 | Part – I  बाल विकास व शिक्षा शास्त्र (Child Development and Pedagogy)

CTET Exam 2020  Paper – 1

Exam Date : 31 January, 2021   

Part – I  बाल विकास व शिक्षा शास्त्र (Child Development and Pedagogy)

निर्देश : निम्नलिखित प्रश्नों (प्र. संख्या 1 से 30) के उत्तर देने के लिए सही सबसे उपयुक्त विकल्प चुनिए : 

1. एक खेल क्रिया के दौरान चोट लगने पर रोहन रोने लगा। यह देखकर उसके पिता ने कहा, “लड़कियों की तरह व्यवहार ना करो; लड़के रोते नहीं हैं।” पिता का यह कथन – 

(1) लैंगिक रूढ़िवादिताओं को दर्शाता है। 

(2) लैंगिक रूढ़िवादिताओं को चुनौती देता 

(3) लैंगिक भेदभाव को कम करता है। 

(4) लैंगिक समानता को बढ़ावा देता है। 

Answer – 1 

2. एक प्रगतिशील कक्षा में 

(1) अध्यापक को अटल पाठ्यक्रम का पालन करना चाहिए। 

(2) विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धा पर बल देना चाहिए। 

(3) ज्ञान की संरचना के लिए प्रचुर मौके प्रदान करने चाहिए। 

(4) विद्यार्थियों को उनके अकादमिक अंकों के आधार पर नामांकित करना चाहिए। 

Answer – 3 

3. एक गतिविधि के दौरान, छात्रों को संघर्ष करते देख, एक अध्यापिका बच्चों को संकेत और इशारे जैसे – ‘क्या, क्यों, कैसे’ प्रदान करने का फैसला लेती है । लेव वायगोत्स्की के सिद्धांत के अनुसार, अध्यापिका की यह योजना – 

(1) बच्चों को अधिगम के लिए अनुत्प्रेरित/निष्प्रेरित करेगी। 

(2) अधिगम के लिए पाड़/आधारभूत संरचना का काम करेगी। 

(3) छात्रों में प्रत्याहार/निकास प्रवृत्तियाँ पैदा करेगी। 

(4) अधिगम की प्रक्रिया में अर्थहीन होगी। 

Answer – 2 

4. बच्चों के समाजीकरण के संदर्भ में निम्न में से कौन सा कथन सही है ? 

(1) विद्यालय समाजीकरण का एक द्वितीयक कारक है और परिवार समाजीकरण का एक प्राथमिक कारक है। 

(2) विद्यालय समाजीकरण का एक प्राथमिक कारक है और समकक्षी समाजीकरण के द्वितीयक कारक हैं। 

(3) समकक्षी समाजीकरण के प्राथमिक कारक हैं और परिवार समाजीकरण का एक द्वितीयक कारक है। 

(4) परिवार एवम् जन-संचार दोनों समाजीकरण के द्वितीयक कारक हैं। 

Answer – 1 

5. बहु-बुद्धि का सिद्धांत जोर देता है कि – 

(1) बुद्धि-लब्धि केवल वस्तुनिष्ठ परीक्षणों के द्वारा ही मापी जा सकती है। 

(2) एक आयाम में बुद्धिमत्ता, अन्य सभी आयामों में बुद्धिमत्ता निर्धारित करती है । 

(3) बुद्धिमत्ता की विभिन्न दशाएँ हैं । 

(4) बुद्धिमत्ता में कोई व्यक्तिगत विभिन्नताएँ नहीं होती हैं। 

Answer – 2 

6. लारेंस कोलबर्ग के सिद्धांत के अनुसार, “किसी कार्य को इसीलिए करना, क्योंकि दूसरे इसे स्वीकृति देते हैं”, नैतिक विकास के ___ चरण को दर्शाता है। 

(1) प्रथा-पूर्व 

(2) प्रथागत 

(3) उत्तर-प्रथागत 

(4) अमूर्त संक्रियात्मक 

Answer – 1 

7. लेव वायगोत्स्की का सामाजिक-सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य, अधिगम प्रक्रिया में ___ के महत्त्व पर जोर देता है। 

(1) सांस्कृतिक उपकरणों 

(2) गुणारोपण 

(3) अभिप्रेरणा 

(4) संतुलीकरण 

Answer – 1 

8. जीन पियाजे अपने संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत में, संज्ञानात्मक संरचनाओं को _____ के रूप में वर्णित करते हैं। 

(1) मनोवैज्ञानिक उपकरणों 

(2) उद्दीपक-अनुक्रिया संबंध 

(3) विकास का समीपस्थ क्षेत्र 

(4) स्कीमा/मनोबंध 

Answer – 4 

9. जीन पियाजे के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत में, पूर्व-संक्रियात्मक अवस्था में विकास का मुख्य गुण क्या होता है ? 

(1) अमूर्त सोच का विकास 

(2) विचार/सोच में केंद्रीकरण 

(3) परिकल्पित-निगमनात्मक सोच 

(4) संरक्षण और पदार्थों को क्रमबद्ध करने का क्षमता 

Answer – 2 

10. विकास के संदर्भ में निम्न में से कौन सा कथन सही है ? 

(1) विकास की दर, सभी संस्कृतियों में सभा के लिए समान होती है। 

(2) विकास केवल विद्यालय में होने वाले अधिगम से ही होता है। 

(3) विकास केवल बाल्यावस्था के दौरान ही होता है। 

(4) विकास बहुआयामी होता है। 

Answer – 4 

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