
CTET Exam 2019 (July) Paper 1
Exam Date: 07.07.2019
भाग – 4 भाषा – 1 हिन्दी
निर्देश – नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्ना (91 से 99 तक) के सबसे उपयुक्त उत्तर वाल विकल्प को चुनिए ।
मानव के मर्मस्थल में परोपकार और त्याग जस सद्गुणों की जागृति तभी हो पाती है, जब वह अपने तुच्छ भौतिक जीवन को नगण्य समझकर उत्साह-उमंग के साथ दसरों की सेवा-सुश्रूषा तथा सत्कार करता है। यह कठोर सत्य है कि हम भौतिक रूप में इस संसार में सीमित अवधि तक ही रहेंगे । हमारी मृत्यु के बाद हमारे निकट संबंधी, मित्र, बंधु-बांधव जीवन भर हमारे लिए शोकाकुल और प्रेमाकुल भी नहीं रहेंगे । दुख मिश्रित इस निर्बल भावना पर विजय पाने के लिए तब हमारे अंतर्मन में एक विचार उठता है कि क्यों न हम अपने सत्कर्मों और सद्गुणों का प्रकाश फैलाकर सदा-सदा के लिए अमर हो जाएँ।
सेवक-प्रवृत्ति अपनाकर हम ऐसा अवश्य कर सकते हैं। अपने नि:स्वार्थ व्यक्तित्व और परहित कर्मों के बल पर हम हमेशा के लिए मानवीय जीवन हेतु उत्प्रेरणा बन सकते हैं। अनुपम मनुष्य जीवन को सद्गति प्रदान करने के लिए यह विचार नया नहीं है। ऐसे विचार सज्जन मनुष्यों के अंतर्मन में सदां उठते रहे हैं तथा इन्हें अपनाकर वे दुनिया में अमर भी हो गए । इस धरा पर स्थायी रूप में नहीं रहने पर भी ऐसे परहितकारी कालांतर तक पूजे जाते रहेगे। अमूल्य मनुष्य जीवन की सर्वश्रेष्ठ शिक्षा यही है। यही सीखकर . मनुष्य का जीवन आनंदमय और समृद्धिशाली हो सकता है।
यदि इस प्रकार मानव जीवन उन्नत होता है तो यह बार स्वर्गिक विस्तार ग्रहण कर लेगा । किसी भी के आध्यात्मिकता का जो अंतिम ज्ञान मिलेगा, यही शिक्षा देगा कि धर्म-कर्म का उद्देश्य सत्कर्मों और सद्गुणों की ज्योति फैलाना ही है।
91. हमारा जीवन सदा प्रेरणा बन सकता है, यदि हम :
(1) परहित और परोपकार करें ।
(2) नि:स्वार्थ भाव से परोपकार करें।
(3) परसेवा के लिए सबको प्रेरित करें।
(4) सेवक प्रवृत्ति का प्रचार-प्रसार करें ।
Answer – 2
92. धर्म के आचरण का उद्देश्य है
(1) कर्म पर आस्था रखना
(2) अपने धर्म का प्रचार-प्रसार करना
(3) आध्यात्मिकता की शिक्षा प्रदान करना
(4) अच्छे कर्मों और गुणों का प्रकाश फैलाना
Answer – 4
93. (क) “ऐसे विचार
(ख) सज्जन मनुष्यों के
(ग) अंतर्मन में
(घ) सदा उठते रहे हैं।”
अनुच्छेद में प्रयुक्त उपर्युक्त अशुद्ध वाक्य को चार भागों में बाँट दिया गया है, जिनमें एक भाग पहचानिए जिसमें अशुद्धि हो ।
(1) (क)
(2) (ख)
(3) (ग)
(4) (घ)
Answer – 2
94. शेष शब्दों से भिन्न शब्द पहचानिए ।
(1) सद्गुण
(2) सद्गति
(3) सत्कर्म
(4) सत्यवादी
Answer – 4
95. ‘नि:स्वार्थ’ शब्द का उपयुक्त विपरीतार्थी शब्द है।
(1) नि:स्वार्थी
(2) स्वार्थी
(3) परार्थी
(4) परोपकारी
Answer – 2
96. पाठांश में प्रयुक्त ‘आध्यात्मिकता’ शब्द किन उपसर्ग-प्रत्ययों से बना है ?
(1) अधि इक, ता
(2) आधि इक, ता
(3) आध्य क, ता
(4) आ इ, कता
Answer – 1
97. ऐसे परोपकारी लोग सदा पूजे जाते रहेंगे, जो
(1) अमूल्य मानव जीवन में श्रेष्ठ शिक्षक रहे।
(2) सेवक वृत्ति अपनाकर परहित करते रहे।
(3) धरती पर स्थायी रूप से नहीं रहे ।
(4) आनंदमय जीवन जीते रहे ।
Answer – 2
98. ‘कठोर सत्य’ किसे कहा गया है ?
(1) निकट संबंधियों का अस्थायी प्रेम
(2) भौतिक संसार की तुच्छता
(3) भौतिक शरीर की नश्वरता
(4) भावनाओं पर नियंत्रण न कर पाना
Answer – 3
99. निर्बल भावनाओं पर विजय पाने के लिए क्या किए जाने की आवश्यकता बताई गई है ?
(1) ऐसी भावनाओं को मन में न आने देना
(2) अच्छे कर्मों से नाम अमर कर लेना
(3) सदा-सदा के लिए अमर हो जाना
(4) विजय पाने के लिए योजना बनाना
Answer – 2
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (प्रश्न 100 से 105 तक) के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए :
विविध प्रांत हैं अपनी-अपनी भाषा के अभिमानी हम, पर इन सबसे पहले दुनियावालो हिन्दुस्तानी हम् । रहन-सहन में, खान-पान में, भिन्न भले ही हों कितने, इस मिट्टी को देते आए, मिल-जुलकर कुरबानी हम ।
सदियों से कुचले लाखों तूफ़ान हमने पद तल से, आज झुके कुछ टकराकर तो कल लगते फिर जागे से । अंडमन से कश्मीर भले ही दूर दिखाई दे कितना, पर हर प्रांत जुड़ा है अपना अगणित कोमल धागों से । जिस ओर बढ़ाए पग हमने, हो गई उधर भू नव मंगल । आज़ाद वतन के बाशिंदे, हर चरण हमारा है बादल ।
100. समास की दृष्टि से शेष से भिन्न पद है –
(1) अपनी-अपनी
(2) रहन-सहन
(3) खान-पान
(4) मिलना-जुलना
Answer – 1
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